About Book
“गुच्छा” एक ऐसा काव्य-संग्रह है जो भावनाओं के खिलते-मुरझाते फूलों को शब्दों में बाँधता है। वर्षा की यह रचना जीवन के विविध रंगों को उकेरती है – प्रेम की कोमल पंखुड़ियों से लेकर विरह की कंटीली डालियों तक, प्रकृति की सुगंध से लेकर मानवीय संबंधों की जटिल बेल तक।
इस संग्रह की कविताएँ एक भावनात्मक यात्रा पर ले जाती हैं। कहीं आप पाएँगे प्रथम प्रेम की लज्जिली मुस्कान, तो कहीं बिछड़ने का सिसकता दर्द। कुछ रचनाएँ मौसमों के बदलाव की तरह अचानक आकर छू जाती हैं, तो कुछ धीरे-धीरे आत्मा में उतरकर बस जाती हैं। वर्षा ने साधारण जीवन की असाधारण अनुभूतियों को इस तरह पिरोया है कि हर पाठक को अपनी ही कहानी के अंश मिलेंगे।
विशेष रूप से, यह संग्रह उन पलों को शब्द देता है जो अक्सर अनकहे रह जाते हैं – चाहे वह माँ की चिंता की झुर्रियाँ हों, दोस्ती की भूली-बिसरी यादें हों, या फिर अकेलेपन की गूँजती खामोशी। “गुच्छा” सिर्फ कविताओं का संकलन नहीं, बल्कि एक आत्मीय संवाद है जो पाठक से धीरे से कानाफूसी करता है।
“गुच्छा” उन पाठकों के लिए है जो शब्दों में डूबकर जीवन को महसूस करना चाहते हैं। यह संग्रह हर उस इंसान का साथी है जो भावुक है, जो संवेदनशील है, और जो मानता है कि कविताएँ दिल की भाषा हैं।
🌸 “हर कविता यहाँ एक फूल है,
जिसे तोड़कर आप अपने दिल में सजा सकते हैं…”
About Author
वर्षा एक संवेदनशील कवयित्री हैं, जिनकी रचनाएँ हृदय की गहराइयों से उठकर शब्दों में ढलती हैं। उनका जन्म बिहार के मनोरम शहर पूर्णिया में हुआ। साहित्य और कविता से उनका रिश्ता बचपन से ही रहा। पुस्तकों के प्रति गहरा लगाव और पढ़ने की आदत ने धीरे-धीरे उन्हें लिखने की ओर प्रेरित किया। उनकी रचनाएँ भावुक, सहज और जीवन के यथार्थ से जुड़ी हैं—जहाँ प्रेम, प्रकृति, विरह और मानवीय संबंधों के सूक्ष्म स्पर्श साफ़ झलकते हैं।
उनका पहला काव्य संग्रह “गुच्छा” उनकी इसी सृजनात्मक यात्रा का प्रमाण है, जहाँ हर कविता एक ताज़ा फूल की तरह खिलती है। वर्षा की विशेषता है कि वे साधारण शब्दों में असाधारण भावना भर देती हैं, जो पाठकों को अपने जीवन से जोड़ लेती है।
✍️ “शब्द मेरी आत्मा की भाषा हैं, और कविताएँ—उसकी धड़कन।”
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