About Book
चालीस कविताएं ऐसी जीवन का सार बताएं, क्या करना, क्या न करना सही राह दिखलाएं, ऐसी राह जो ले जाए आत्म आनंद की ओर, गमों का अंधेरा हटाकर दिखाए खुशियों की भोर।
About Author
9 सितंबर 1974 को कालका में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी मंजु चावला बचपन से ही कुछ ऐसा करना चाहती थी जिससे वो समाज की सेवा कर दूसरों के लिए जी सकें। माता पिता एवं खुद के संघर्ष से डॉक्टर बन गईं। सैनिकों की फिल्में उन्हें आकर्षित करती थीं और यही देश प्रेम उन्हें फौज में भी ले गया। अब उन्हें जब जहां जैसा अवसर मिलता है खुद भी समाज सेवा करने की कोशिश करती हैं और दूसरों को भी स्वार्थ भूलकर ऐसा करने के लिए प्रेरित करती हैं। इन सब घटनाओं का चित्रण उनकी कविताओं में झलकता है।
Reviews
There are no reviews yet.