सागर लफ़्ज़ों का by Babita Sagar
“सागर लफ़्ज़ों का“
इसमें बनावट नहीं कोई,
दिल अपना दर्द कहता है,
जब जब बढ़ जाए दर्द हद से ज्यादा,
तो ही लफ़्ज़ों का सागर बहता है।
“सागर लफ़्ज़ों का” पुस्तक ज़िंदगी के उन खट्टे मीठे और कड़वे पलों के अनुभवों पर आधारित है, जिन्हें हम जिंदगी में कई दफ़ा महसूस करते हैं उन्हीं एहसासों को कविताओं, शायरियो और कहानियों के ज़रिए लेखिका बबीता सागर ने आप तक पहुंचाने की कोशिश है।
लेखिका के बारे में
बबीता का अर्थ – छोटी बच्ची
सागर का अर्थ – विशाल और गहरा समुंदर
स्वभाव से छोटे बच्चे की तरह मासूम, ख़ुशमिजाज, और नटखट पर गुणों से ज़िम्मेदार, मजबूत इरादे, गहरी सोच, और विभिन्न कलाओं में निपुण।
बबीता सागर बहुत ही साधारण अभिव्यक्ति की महिला हैं इनकी परवरिश एक साधारण से परिवार में हुई है। मूलतः ये उत्तर प्रदेश से हैं, पर बचपन से ही चंडीगढ़ में पली बड़ी हैं। इन्होने पढ़ाई लिखाई और दूसरे कला क्षेत्रों में ज्ञान भी चंडीगढ़ से ही प्राप्त किया है।
बबीता सागर, बहुत उद्दार हैं और हर इंसान को इंसानियत के नज़रिए से ही देखती हैं, इनका मानना है कि प्रत्येक नारी और पुरुष को भी एक समान ही आंका जाना चाहिए। ये निस्वार्थ सेवा, अच्छे कर्म और मेहनत में विश्वास रखती हैं।
परिवार में “माता पिता बड़े भाई भाभी, छोटा भाई, और ये ख़ुद है, ये अपने घर में एकलौती बिटिया हैं।” सभी कलाओं में निपुण होने के बाद इन्होंने अपने एक ख़ास हुनर को पिछले दो सालों में बहुत निखारा है जो है लेखन का क्षेत्र, इस हुनर के द्वारा समाज में हो रही हर एक प्रतिक्रिया पर अपने भाव प्रकट करती हैं और लोग इनके लेखन को ख़ूब सराहते हैं और बहुत प्यार देते हैं।
“सागर लफ़्ज़ों का” बबीता सागर की लिखी पहली किताब है।
आशा करते हैं कि आप सभी हमेशा की तरह इस किताब को भी प्यार और सम्मान देंगे और मेरी लिखी भावनाओ को उसी प्रकार समझेंगे जिस प्रकार ये लिखीं गईं हैं, और इनके स्वलिखित गहरे दर्द को भी अच्छी तरह समझ पाएंगे।
Reviews
There are no reviews yet.