क़ुर्बत-ए-इश्क़

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About Book

मैंने जिन जज्बातों को महसूस किया और जिया है उनको एक पुस्तक में पिरो कर आप सबके सम्मुख प्रस्तुत कर रही हूं आशा करती हूं मेरे एहसास आपके दिल को छू पाएंगे और सभी लोगों को जिन्होंने पुस्तक की समीक्षा या किसी और कार्य में सहयोग दिया सहृदय धन्यवाद देना चाहूंगी

     “माता पिता के आशीर्वाद से जिन्होंने लिखने के काबिल बनाया उन्हीं को समर्पित है यह पुस्तक”

क़ुर्बत-ए-इश्क़

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मैंने जिन जज्बातों को महसूस किया और जिया है उनको एक पुस्तक में पिरो कर आप सबके सम्मुख प्रस्तुत कर रही हूं आशा करती हूं मेरे एहसास आपके दिल को छू पाएंगे और सभी लोगों को जिन्होंने पुस्तक की समीक्षा या किसी और कार्य में सहयोग दिया सहृदय धन्यवाद देना चाहूंगी

     “माता पिता के आशीर्वाद से जिन्होंने लिखने के काबिल बनाया उन्हीं को समर्पित है यह पुस्तक”

क़ुर्बत-ए-इश्क़

 

About Author

मानसी मक्कड़ फरीदाबाद की निवासी हैं। उनका लेखक बनने का सफ़र दस साल वर्ष पूर्व हुआ जब जिंदगी की कश्मकश को उन्होंने पहली बार पन्नों पर उतारा। उनकी पहली लिखी हुई कविता किन्नर एक परछाई से उन्होंने अपने लेखन की शुरुआत की।

इस काव्य संकलन में अधिकतर मुक्त विधा की कविताएं शेर और ख़्याल हैं। लेखिका का लेखन में विधा और विचारों को प्रकट करने का तरीका काफी सुन्दर एवं दिल को छूने वाला है मानसी ने अपने जीवन की व्यथा को शब्दों में पिरोया है और उसे  श्रृंगार रस में अपनी पंक्तियों में भावपूर्ण तरीके से बांध कर अपने एहसासों को एक वांछित स्वरूप दिया है। मेहनत और लगन में विश्वास रखने वाली मानसी, प्रेरणादायक विषयों, सामाजिक कुरीतियों, समसामयिक विषयों और प्रेम पर लिखना पसंद करती हैं। समसमायिक घटना प्रेम विरह प्रेरणादयाक शब्दों से प्रेरित ये संकलन जीवन के हर एक पहलू  को छूता है।

 

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