उम्मीदों के धागे
हम ज़िन्दगी में कितने भी टूट जाए, बिखर जाए लेकिन कभी भी हार नहीं मानते, और अगर मान भी ले कभी तो उम्मीद का दामन हमेशा थामे रखते है। क्योंकि कहते हैं कि ‘उम्मीद पर दुनिया कायम है’ और दुनिया में लोगो ने इस बात को इतनी गंभीरता से ले लिया कि जहां उम्मीद नहीं लगानी चाहिए थी, वहां भी उम्मीदों के धागे पिरो कर इंसान ख़्वाब की कश्ती को पार लगाने की कोशिश करता दिखाई दिया।
ख़ैर उम्मीदों का क्या है? उम्मीदें कैसी भी हो सकती है? अपने ख़्वाब को पूरा करने की, ज़िन्दगी में कुछ पाने की या ये कहो किसी को अपना बनाने की।
अपनी उम्मीदों के धागों को शब्दो के फूलों में पिरोकर एक खूबसूरत कविता, कहानी, और शायरी का रूप देकर 15 लेखकों ने इस संकलन में अपनी रचना को प्रकशित कराया है।
संकलक की कलम से
राहुल शर्मा एक लेखक है तथा The Social Tape का सारा कार्यभार वही बखूबी से संभालते हैं। वह अपने जैसे लेखकों को सदैव प्रोत्साहित करते हैं, उनका मानना है हर मनुष्य के अंदर एक प्रतिभा होती है। बस प्रतिभा किसी न किसी कारण हम आम लोगों को दिखती नहीं, उस प्रतिभा को पूरी दुनिया के सामने लाने के लिए वह उम्दा लेखको की खोज में है। तथा उन को प्रोत्साहित करने में अपना योगदान देते हैं। उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (संध्या) दिल्ली यूनिवर्सिटी से की है तथा स्नातकोत्तर हिंदी विषय में इग्नू से कर रहे हैं।
रेडियो के लिए अपने अनुभव के साथ 107.4fm रेडियो नोएडा में इंटर्नशिप करी तथा वहीं कुछ समय वहीं कार्यरत रहे। वह एक स्वतंत्र कलाकार हैं। वह एक थिएटर कलाकार हैं उन्होंने थिएटर में कई अभिनय किए हैं तथा अपनी प्रतिभा से लोगों के दिलों में अपनी पहचान बनाई है वह विभिन्न समूहों के साथ काम भी कर चुके हैं। उनकी पहली पुस्तक इश्क़बाज और दूसरी पुस्तक फ़लसफ़ा तेरा मेरा की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया रही तथा उनके कार्य को बहुत सराहा भी गया। उम्मीदों के धागे उनकी तीसरी पुस्तक है इसे भी अपने प्यार से नवाजियेगा।
Instagram: @17rj_rahul
yuvraj –
Very nice write up found in this book and also designed very well. Interesting stories and poetries are compile together in this book