Books

Many of us have special memories of the books that have inspired us, and have learned the profound effect that reading the right book can have at the right moment. Books have the power to transport us to new worlds and different times, but they can also take us back to the important moments in our own lives. Check out the books and have a glance look on them.

About The Book

क्या आप भी खुद को और बेहतर बनाने की तलाश में हैं? अगर हां, तो “10 सीक्रेट्स ख़ुद को और अच्छा बनायें” आपके लिए एक मार्गदर्शक हो सकती है। इस किताब में लेखिका श्रद्धा श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत 10 गुप्त सीक्रेट आपको वो प्रेरणा प्रदान करेंगे जो आपकी खुद की ट्रांसफॉर्मेशन में मदद करेगे। इन गुप्त रहस्यों के माध्यम से, आपको खुद की महत्वपूर्ण पहलुओं का पता चलेगा जो आपके जीवन को सकारात्मक रूप में परिवर्तित करने में मदद करेंगे। यह किताब आपको एक नई दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी और आपको अपने असीम पोटेंशियल की पहचान करने में मदद करेगी।

About The Author

10 Aug 1999 को अकबरपुर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी श्रद्धा श्रीवास्तव बचपन से ही कुछ अलग करना चाहती थी जिससे वो समाज की कुछ सेवा कर सके और उसे आगे बढ़ा सके। यह वो अपने मिशन तथा विज़न के अंतरगत करने का प्रयास कर रही है। जिसका नाम है – प्रेरणा देने की चाहत। उनके माता-पिता के संघर्ष से प्रेरित होकर वह एक एडवोकेट बनी है। यह किताब उन्होंने जीवन में मिले अनुभवों के आधार पर जो सीख मिली उस पर लिखी है।

About The Book

चालीस कविताएं ऐसी जीवन का सार बताएं, क्या करना, क्या न करना सही राह दिखलाएं, ऐसी राह जो ले जाए आत्म आनंद की ओर, गमों का अंधेरा हटाकर दिखाए खुशियों की भोर।

About The Author

9 सितंबर 1974 को कालका में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी मंजु चावला बचपन से ही कुछ ऐसा करना चाहती थी जिससे वो समाज की सेवा कर दूसरों के लिए जी सकें। माता पिता एवं खुद के संघर्ष से डॉक्टर बन गईं। सैनिकों की फिल्में उन्हें आकर्षित करती थीं और यही देश प्रेम उन्हें फौज में भी ले गया। अब उन्हें जब जहां जैसा अवसर मिलता है खुद भी समाज सेवा करने की कोशिश करती हैं और दूसरों को भी स्वार्थ भूलकर ऐसा करने के लिए प्रेरित करती हैं। इन सब घटनाओं का चित्रण उनकी कविताओं में झलकता है।

About The Book

‘पर्दे’ का मतलब बहुत कुछ है - पर्दा घूँघट है, अज्ञानता है, लोगों की बेपरवाही है, और ना जाने क्या-क्या है। पर यह तो तय है कि पर्दे आगे तो बढ़ने नहीं देते। पर विचारों से यह स्त्रियां कभी पीछे नहीं रहती, विचार तो सुबह की रोशनी की तरह होते हैं जो घने अंधेरों को चीर कर एक नई ज़िंदगी को प्रस्फुटित करते हैंl विचारों में ही तो जीवन है। और इन विचारों पर कोई बंधन, कोई दीवार, कोई ऊंच-नीच, कुछ नहीं चलता।

About The Author

05-08-1970 में गुजरात के जामनगर में जन्मी अलका शर्मा बचपन से ही अपनी ज़िंदगी में आने वाले हर शख्स, हर क्षण से प्रेरणा लेकर उसे कविता का रूप दे दिया करती। लेकिन सबसे ज्यादा उनकी ज़िंदगी को प्रेरित करने वाले उनके पापा हैं। जिन्होने अलका शर्मा की कविताओं पर विश्वास जताया। अलका शर्मा M.A (English), B.ed के बाद, पिछले 25 सालों से पालम के राहुल मॉडल पब्लिक स्कूल में कार्यरत है अध्यापिका से प्रधानाचार्य तक का सफ़र उनका बहुत ही संघर्षमय रहा है। नौकरी पेशा औरतों के लिए उसकी ज़िंदगी दोहरी होती है नौकरी और घर के बीच में समन्वय बिठाना एक बहुत बड़ा मुस्किल होता हैl फिर भी समाज इन स्त्रियों को कभी भी उनके योगदान का मेहनताना नहीं दे पातीl ग्रहणी एवं कामकाजी महिलाओं के बीच भेदभाव करने वाला यह समाज ही है।

About The Book

#Love you to love me I have had a very rocky relationship with both myself as a person and loving another person. One thing that I did learn through this experience is that the saying ”you can’t love someone until you love yourself”’ is true but not an absolute truth. What I mean to say is that, it is better to fall in love with someone else once you have already fallen in love with yourself but in my experience sometimes we need someone else to love us after seeing all our flaws to finally consider yourself worthy of love at all.

About The Author

Amity Batra from Chandigarh, the author of this book started writing poems when she was 14. Her works mostly revolve around the topic of fitting into the society and what she experienced when suffering from depression and anxiety. She completed her early education till 10th from Yadavindra Public School, Mohali after which she transferred to st Soldiers phase 7 while preparing for JEE. After completing her 12th graduation from St soldiers school in the subjects PCMB, she proceeded to go on to study computer engineering at Thapar University for next 2 years. Around the end of her 4th Semester she decided to drop out & finally follow her passion for literature. She is now pursuing BA English Hons in Amity University, Punjab.

About The Book

“घुटनों के बल बैठी स्त्री का परिचय पाकर राम अचम्भित हो गए। उनके मुखमण्डल का तेज जाता रहा और कंठ सूख गया। रावण का परिचय राम को था। विश्रवा और कैकसी की कथा भी सुन रखी थी परन्तु सूपनखा को प्रथम बार देखा था। राक्षसी स्त्रियाँ भी इतनी रूपसी होती हैं राम ने प्रथम बार जाना। अब तक जितनी भी राक्षसी स्त्रियों का वध किया वे सब की सब इतनी सौंदर्य की धनी नहीं थीं। किसी का उदर विकृत था तो कोई विशाल तनु की स्वामिनी थी। किसी के मुखमण्डल पर जंगल का सूनापन था तो किसी का शरीर गर्त से भरा रहता था। परन्तु सूपनखा किसी ब्रह्माण्ड सुंदरी सी दिख रही थी। उसके मुख पर तेज था और वह तनुमध्या थी। उसका उदर कामशास्त्र का प्रतीक था तो उसका अर्धनग्न वक्षस्थल किसी भी राजपुरुष को प्रथम दृष्टि में मोहित करने के अनुरूप था। उसकी बातें उसके बुद्धिकौशल को प्रतिबिंबित कर रही थीं और वेश राजसी था। उसमें एक पृथक आकर्षण था। ऐसा आकर्षण जैसा इन्द्र की नर्तकियों में होता है।”

About The Author

आगरा के ग्रामीण अंचल नगला गूजरा, मिढ़ाकुर में श्री वीरीसिंह सोलंकी एवं श्रीमती सुखवीरी सिंह सोलंकी के घर जन्मे एवं देश की राजधानी दिल्ली में निवासरत डॉक्टर देवेंद्र सिंह सोलंकी वर्तमान में दिल्ली सरकार के आयुष विभाग में मुख्य चिकित्साधिकारी होम्योपैथी के पद पर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। 'अचिन्त्यन' नाम से यह उनकी प्रथम कृति है। आधुनिक समाज में जिस तरह से महिलाओं को अमानवीय तरीके से उनके मुख पर तेजाब आदि डालकर उन्हें कुरूप बनाया जाता है, उनके साथ व्यभिचार किया जाता है ठीक उसी तरह से त्रेता युग में सूपनखा के नाक और कान काटकर कुरूप बनाया गया था। उस कुरूपता के दंश की व्यथा ही इस कहानी का सार है।

About The Book

मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो, मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो, मुझे भय से अभय की ओर ले चलो, मुझे दुःख से आनंद की ओर ले चलो, और ले चलो मुझे आनंद से परमानंद की ओर, ले चलो परमात्मा मुझे उस डगर पर जहां मेरा अस्तित्व शेष न बचे। शेष रहे तो अचिंत्यानंद। क्योंकि… जीवन निरंतरता है, गतिशीलता है और वर्ष मात्र अंकगणित। आनंद निरंतरता में है अंकगणित में नहीं। परमात्मा को जानने का मार्ग आनंद है। हमने गणित में उलझकर आनंद को खो दिया। परमात्मा को जानने का मार्ग खो दिया। आओ चलें फिर से उस मार्ग पर जहाँ आनंद हो, परमानंद हो, अचिंत्यानंद हो और हो परमात्मा का एहसास।

About The Author

आगरा के ग्रामीण अंचल नगला गूजरा, मिढ़ाकुर में श्री वीरीसिंह सोलंकी एवं श्रीमती सुखवीरी सिंह सोलंकी के घर जन्मे एवं देश की राजधानी दिल्ली में निवासरत डॉक्टर देवेंद्र सिंह सोलंकी वर्तमान में दिल्ली सरकार के आयुष विभाग में मुख्य चिकित्साधिकारी होम्योपैथी के पद पर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। लेखक ने पुस्तक से होने वाली समस्त आय कल्पना सोलंकी को प्रदान करने का निर्णय लिया जिसका उपयोग वे धर्मार्थ कार्यों में करेंगी। मैं आशा करता हूँ आप समस्त पाठक बिना किसी पूर्वाग्रह के इसका पठन करेंगे। रचित गीतों को गुनगुनाएंगे एवं कविता का मनन करेंगे।

About The Book

मैंने जिन जज्बातों को महसूस किया और जिया है उनको एक पुस्तक में पिरो कर आप सबके सम्मुख प्रस्तुत कर रही हूं आशा करती हूं मेरे एहसास आपके दिल को छू पाएंगे और सभी लोगों को जिन्होंने पुस्तक की समीक्षा या किसी और कार्य में सहयोग दिया सहृदय धन्यवाद देना चाहूंगी      "माता पिता के आशीर्वाद से जिन्होंने लिखने के काबिल बनाया उन्हीं को समर्पित है यह पुस्तक" क़ुर्बत-ए-इश्क़

About The Author

मानसी मक्कड़ फरीदाबाद की निवासी हैं। उनका लेखक बनने का सफ़र दस साल वर्ष पूर्व हुआ जब जिंदगी की कश्मकश को उन्होंने पहली बार पन्नों पर उतारा। उनकी पहली लिखी हुई कविता किन्नर एक परछाई से उन्होंने अपने लेखन की शुरुआत की। इस काव्य संकलन में अधिकतर मुक्त विधा की कविताएं शेर और ख़्याल हैं। लेखिका का लेखन में विधा और विचारों को प्रकट करने का तरीका काफी सुन्दर एवं दिल को छूने वाला है मानसी ने अपने जीवन की व्यथा को शब्दों में पिरोया है और उसे  श्रृंगार रस में अपनी पंक्तियों में भावपूर्ण तरीके से बांध कर अपने एहसासों को एक वांछित स्वरूप दिया है। मेहनत और लगन में विश्वास रखने वाली मानसी, प्रेरणादायक विषयों, सामाजिक कुरीतियों, समसामयिक विषयों और प्रेम पर लिखना पसंद करती हैं। समसमायिक घटना प्रेम विरह प्रेरणादयाक शब्दों से प्रेरित ये संकलन जीवन के हर एक पहलू  को छूता है।

About The Book

रज़ा, सज़ा, दुआ, दवा, ख़फ़ा, बेवफ़ा, दिल का दर्द, आँखों का सुकून, साँसों की बेचैनी, लम्हों का इंतज़ार क्या है आख़िर ये मोहब्बत? हर किसी के लिए इसके मायने अलग है। किसी के लिए सज़ा, तो किसी के लिए इंतज़ार है। किसी की तलाश तो किसी की आस है बस मोहब्बत। ऐसी ही एक तलाश रही मोहब्बत की संध्या को, कुछ ऐसा ही इंतज़ार रहा सरु को मोहब्बत का। कोई प्यार की तलाश में इंसा बना तो कोई बना हैवान, हर किसी ने अपने मायने से किया प्यार, मगर कोई खुल कर प्यार को जी नहीं पाया। आख़िर कौन प्यार में जी कर ज़िंदा रहता है?

About The Author

सुगन्धा गुप्ता सिर्फ़ एक नाम नहीं है बल्कि वो एक उम्मीद है ख़ास कर के अपने परिवार के लिए। इनका जन्म 7 अगस्त में गाँव नारेपुर बछवाड़ा, जिला बेगूसराय बिहार में हुआ। पेशे से ये अकॉउंटेंट है। कविताओं में इनकी रूचि बचपन से बहुत ज़्यादा रही है। ये प्रेमचंद, नागार्जुन, सद्दत हसन मंटो जी की कई सारी कहानियाँ, कविताएँ और शायरियाँ पढ़ती हुई बड़ी हुई है। इनकी साहित्य में बढ़ती रूचि कब इनके जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन गया ये खुद भी नहीं जानती और अप्रैल 2018 में इन्होंने सबसे पहले शायरियाँ लिखना प्रारम्भ किया- यूँ तो रात ढलती रही तेरी बाहों में, मगर तेरी खोज जारी रही मेरी बाहों में। Email:sugandha99g@gmail.com | Instagram: sugandhagupta.99

About The Book

यूँ तो अद्विका को सभी मानते हैं, पर दुनिया से परे अपने रास्ते हैं, है छिपा बहुत ये कौन पहचानेगा, अकेले के उफान को कौन जानेगा। अद्विका पुस्तक रश्मी गुप्ता जी की ख़ूबसूरत कविताओं का संग्रह है।

About The Author

रश्मी गुप्ता जी का लेखन का सफ़र बचपन में 13 वर्ष की छोटी सी उम्र से ही प्रारंभ हुआ, रश्मी जी का माना है कि लेखक बनने के लिए डिग्री नहीं बल्कि हुनर की ज़रूरत है। यदि आपकी किसी भाषा पर अच्छी पकड़ है और आपको लगता है कि आप एक दिलचस्प कविता या कहानी लिख सकते हैं तो आप एक लेखक बन सकते हैं शब्दों को पहचाना और उसकी व्याख्या करना उनकी पहली पसंद रही है। वर्तमान समय में वह अवध यूनिवर्सिटी से लॉ की शिक्षा प्राप्त कर रही है, यह उनकी पहली पुस्तक है कृपया इसे अपने प्यार से नवाजिएगा। Email: guptarashmi246@gmail.com Instagram: Rashmidelhi98

About The Book

तमन्ना करके जिसकी तुमने ख़ुद को संवारा है उसकी ही उल्फत में कितनी दफा तुम्हारा दिल हारा है ज़रा बताओ तो सही दुनियां को कितने प्यार से कविताओं और शायरियों के ज़रिए तुमने उसे पुकारा है।

About The Author

डेज़ी छाबड़ा और युवराज सिंह इस पुस्तक के संकलक है। डेज़ी एक स्वतंत्र और खुले मिजाज़ की लड़की है। कविताए लिखना इनका शौक है और इनका मानना है कि जो ये कला है तुम्हारे पास, उसे अपने तक ना रख के लोगो तक पहुंचाना ज़रूरी है। अपने विद्यालय के समय से ही इन्हे लिखना शुरु किया, The Social Tape के माध्यम से पहली बार अपनी शायरी और कविताओं को लोगो तक पहुचाने का कोशिश की तथा इस किताब के माध्यम से उन्होंने प्यार की परिभाषा कायम करने की कोशिश है। युवराज सिंह नई पीढ़ी के उभरते हुए शहरों में से एक अग्रणी नाम है आपकी प्रारंभिक शिक्षा अंग्रेजी माध्यम सेंट मैरी स्कूल साहिबाबाद गाजियाबाद में हुई है इसके पश्चात आपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ से की है लखनऊ में शायरों के संगत में रहकर आपका रुझान शायरी की ओर हुआ है वहीं से आपकी शायरी और कविताओं की शुरुआत हुई है।

About The Book

बेज़ुबानो की ज़ुबान कलम, गरीबो को रोटी दिलाती कलम, हर मुद्दे को काग़ज़ पर उतारती कलम, प्रेमियो को सुकून दिलाती कलम, दुखियो को ख़ुल कर हँसाती कलम, द्वेष मिटा, शिष्टता सिखाती कलम हौसला बन, एकता है लाती कलम, कलम पुस्तक प्रियंका शर्मा की ऐसी ही कविताओं का संग्रह है।

About The Author

प्रियंका शर्मा 2017 में Btech पूरा करने के बाद, एक सेमीकंडक्टर मल्टीनैशनल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। कविताए लिखना इनका शौक है और इनका मानना है कि जो ये कला है तुम्हारे पास, उसे अपने तक ना रख के लोगो तक पहुंचाना ज़रूरी है। अपने विद्यालय के समय से ही इन्हे लिखने का शौक था, किंतु अपनी पढ़ाई और अपने भविष्य को सुरक्षित करने के बाद 2020 से इन्होंने अपने लेख को उड़ान दी। ये इनकी पहली पुस्तक है जो इनके दिल के बहुत ही करीब है। इसी आशा के साथ की आप सब इस पुस्तक को अपना स्नेह देंगे, प्रियंका शर्मा जी की पुस्तक कलम आज प्रकाशित होकर आपके समक्ष प्रस्तुत है। Email: ps812875@gmail.com Instagram: priyankaethoughts

About The Book

Soul food is a poetry chapbook, featuring modern poetry on love, positivity and self-love. If you want to pour some positive vibes into your soul, read on.

About The Author

Karishma Kapoor is an Indian Author. She has written a few poetry books and won the title of Author of the year in 2019. She has also been a part of a few Anthologies. She was also awarded as the best writer for an Anthology. Her poems have been read in New York poetry sessions too. Writer is a world, trapped in her. You can find her on Instagram@ karishma_author or under the sky, breathing dreams like air.

About The Book

71 साल का सफ़र किताब लिखने का मेरा तात्पर्य यही है कि कैसे एक चाय बेचने वाला इंसान, कम पढ़ा लिखा इंसान अपनी क़ाबिलियत और प्रतिभा से प्रधानमंत्री बनने का सफ़र तय करता है। इसलिए यह कहा जाता है कि कभी किसी को कम नहीं आंकना चाहिए। बल्कि उसकी प्रतिभा को पहचानना चाहिए। इस किताब में मैंने कविता के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जीवन की कहानी को दर्शाया है। नरेंद्र मोदी जी के जीवन से हम सीख ले सकते हैं, प्रेरणा ले सकते हैं कैसे ईमानदारी से निडरता से आगे बढ़ना चाहिए कभी रुकना नहीं बल्कि आगे बढ़ते ही रहना चाहिए।

About The Author

मेरा नाम योगेश व निकनेम चीनू है। मैं उत्तर प्रदेश के जिले गौतम बुध   नगर से हूँ। मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूँ। आज के दौर में लोग आपको क़ाबिलियत से नहीं बल्कि आपकी पढ़ाई से आंकते हैं जबकि मैं ऐसा नहीं मानती। क्योंकि मैंने अच्छे खासे पढे लिखे बेवकूफ भी बहुत देखे हैं इस दुनिया में और अनपढ़ या कम पढे लिखें लोग ऊंचाइयों को छूते भी बहुत देखे हैं। इसलिए लोगों को उसकी क़ाबिलियत से जानना चाहिए न कि पढ़ाई से। मेरी कोशिश यहीं रहती है कि सत्य लिखूं जो मैं देखती हूँ, महसूस करती हूँ वहीं लिखती हूँ। मेरी पहली पुस्तक का नाम "सच्ची बातें चीनू" है। मेरी इस पुस्तक को अपने प्रेम से नवाज़ियेगा।

About The Book

हम ज़िन्दगी में कितने भी टूट जाए, बिखर जाए लेकिन कभी भी हार नहीं मानते, और अगर मान भी ले कभी तो उम्मीद का दामन हमेशा थामे रखते है। क्योंकि कहते हैं कि ‘उम्मीद पर दुनिया कायम है’ और दुनिया में लोगो ने इस बात को इतनी गंभीरता से ले लिया कि जहां उम्मीद नहीं लगानी चाहिए थी, वहां भी उम्मीदों के धागे पिरो कर इंसान ख़्वाब की कश्ती को पार लगाने की कोशिश करता दिखाई दिया। ख़ैर उम्मीदों का क्या है? उम्मीदें कैसी भी हो सकती है? अपने ख़्वाब को पूरा करने की, ज़िन्दगी में कुछ पाने की या ये कहो किसी को अपना बनाने की। अपनी उम्मीदों के धागों को शब्दो के फूलों में पिरोकर एक खूबसूरत कविता, कहानी, और शायरी का रूप देकर 15 लेखकों ने इस संकलन में अपनी रचना को प्रकशित कराया है।

About The Author

राहुल शर्मा एक लेखक है तथा The Social Tape का सारा कार्यभार वही बखूबी से संभालते हैं। वह अपने जैसे लेखकों को सदैव प्रोत्साहित करते हैं, उनका मानना है हर मनुष्य के अंदर एक प्रतिभा होती है। बस प्रतिभा किसी न किसी कारण हम आम लोगों को दिखती नहीं, उस प्रतिभा को पूरी दुनिया के सामने लाने के लिए वह उम्दा लेखको की खोज में है। तथा उन को प्रोत्साहित करने में अपना योगदान देते हैं। वह एक थिएटर कलाकार हैं उन्होंने थिएटर में कई अभिनय किए हैं तथा अपनी प्रतिभा से लोगों के दिलों में अपनी पहचान बनाई है उनकी पहली पुस्तक इश्क़बाज और दूसरी पुस्तक फ़लसफ़ा तेरा मेरा की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया रही तथा उनके कार्य को बहुत सराहा भी गया। उम्मीदों के धागे उनकी तीसरी पुस्तक है इसे भी अपने प्यार से नवाजियेगा।

About The Book

इसमें बनावट नहीं कोई, दिल अपना दर्द कहता है, जब जब बढ़ जाए दर्द हद से ज्यादा, तो ही लफ़्ज़ों का सागर बहता है। “सागर लफ़्ज़ों का” पुस्तक ज़िंदगी के उन खट्टे मीठे और कड़वे पलों के अनुभवों पर आधारित है, जिन्हें हम जिंदगी में कई दफ़ा महसूस करते हैं उन्हीं एहसासों को कविताओं, शायरियो और कहानियों के ज़रिए लेखिका बबीता सागर ने आप तक पहुंचाने की कोशिश है।

About The Author

बबीता का अर्थ – छोटी बच्ची सागर का अर्थ – विशाल और गहरा समुंदर स्वभाव से छोटे बच्चे की तरह मासूम, ख़ुशमिजाज, और नटखट पर गुणों से ज़िम्मेदार, मजबूत इरादे, गहरी सोच, और विभिन्न कलाओं में निपुण। बबीता सागर बहुत ही साधारण अभिव्यक्ति की महिला हैं इनकी परवरिश एक साधारण से परिवार में हुई है। मूलतः ये उत्तर प्रदेश से हैं, पर बचपन से ही चंडीगढ़ में पली बड़ी हैं। इन्होने पढ़ाई लिखाई और दूसरे कला क्षेत्रों में ज्ञान भी चंडीगढ़ से ही प्राप्त किया है। “सागर लफ़्ज़ों का” बबीता सागर की लिखी पहली किताब है। आशा करते हैं कि आप सभी हमेशा की तरह इस किताब को भी प्यार और सम्मान देंगे और मेरी लिखी भावनाओ को उसी प्रकार समझेंगे जिस प्रकार ये लिखीं गईं हैं, और इनके स्वलिखित गहरे दर्द को भी अच्छी तरह समझ पाएंगे।

About The Book

“एहसासों से भरी एक पोटली पुरानी है, माना मेरे शब्दों की जुबानी है, ये मेरी ही नहीं, हर औरत की कहानी है।” “एहसास हर औरत की कहानी“ पुस्तक हर महिला की मदद करेगी क्योंकि इसमें- प्रेरक उद्धरण, प्रेरक शब्द, कुछ करने की इच्छा, स्त्री क्या चाहती है, मातृत्व, अच्छे कर्म सामग्री आदि शामिल हैं।

About The Author

दीप्ति दुआ इस पुस्तक की लेखिका अपने लेखन की वजह से हमेशा अपने आसपास के लोगों में चर्चा का विषय बनी। इसी के फलस्वरूप आज आपके सामने उनकी पहली पुस्तक “एहसास हर औरत की कहानी” प्रस्तुत है। अपने पिता के आकस्मिक निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने दीप्ति दुआ को चकनाचूर कर दिया लेकिन फिर उसने अपने पिता के द्वारा किए गए कार्यों को जारी रखने के लिए अप्रैल 2017 में अपने पिता के नाम पर सतीश खेत्रपाल सेवा सदन की स्थापना की, इस तरह दीप्ति दुआ ने अपने पिता के नक्शेकदम पर एक नई यात्रा की शुरुआत की। दीप्ति दुआ की पहली पुस्तक अपने पूजन्य पिता को समर्पित है इस पुस्तक को अपने प्यार से नवाज़िएगा।

About The Book

“ज़िंदगी तो है क्या ज़िंदगी कुछ भी नहीं।;" किसी का साथ पा चलो, किसी का साथ निभा चलो।” हर इंसान अपने साथ एक डायरी लेकर चलता है यादों की डायरी, ख़्यालों की डायरी या कहो सवालों की डायरी, जिसमें वह अपनी जिंदगी के कीमती पलों को एक जगह सजो कर रखता है। ताकि ज़रूरत पड़ने पर इंसान ज़हनी तौर पर उस पल में लौट सके। जिंदगी एक डायरी उन्हीं यादों ख़्यालों और सवालों का शब्दों में पिरो कर रखा गया है ख़ूबसूरत कलामों का ज़ख़ीरा है।

About The Author

नबील ज़ैदी ने इस पुस्तक में लेखक की भूमिका निभाई है। उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश से प्राप्त की है, एवम् शिक्षा विभाग में कार्यरत है। The Social Tape मंच से इनके लेखन कार्य को आरंभ मिला एवम् युवा लेखकों में उभरते हुए चेहरे हैं। इनके कलाम, अंदाज़ ए बयां एवम् प्रतिभा ने लोगो के दिल में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनके बहुत से कलामों में से “हक़ अदा ना हो सका“ व “मेरा कलाम बाबा के नाम“ जैसे कलामों को लोकप्रियता मिली तथा इन कलामों को The Social Tape मंच पर सराहना मिली है। उम्मीदों के धागे पुस्तक में सह-लेखक की भूमिका भी निभा चुके है। इसके साथ साथ युवाओं में काव्य और साहित्य को प्रोत्साहित करने में योगदान देते है। यह नबील ज़ैदी जी की पहली पुस्तक है इसे अपने प्रेम से नवाजे।

About The Book

जिंदगी में ऐसे बहुत से लोग हमें मिलते हैं। जो हमें कुछ ना कुछ सिखा कर जाते हैं, कुछ अच्छा कुछ बुरा वक्त साथ बिता कर जाते हैं। फिर ना जाने वह कहां जिंदगी के उन रास्तों में खो जाते हैं, जहां से ना वो कभी लौट कर वापस आते हैं, ना कभी हम उन्हें जिंदगी में दोबारा वापस ला पाते है, लेकिन कभी ना कभी हमें जिंदगी के किसी पड़ाव पर वो बहुत याद आते हैं और उस वक्त अपने शब्दों से उनका जिक्र कर हम कविताओं, कहानियों और शायरियों के जरिए उन्हें अपने करीब पाते हैं। इस संकलन में 42 लेखकों की खूबसूरत कविताएं, कहानियां और शायरियां आपको पढ़ने को मिलेंगी।

About The Author

राहुल शर्मा एक लेखक है तथा The Social Tape का सारा कार्यभार वही बखूबी से संभालते हैं। वह अपने जैसे लेखकों को सदैव प्रोत्साहित करते हैं, उनका मानना है हर मनुष्य के अंदर एक प्रतिभा होती है। बस प्रतिभा किसी न किसी कारण हम आम लोगों को दिखती नहीं, उस प्रतिभा को पूरी दुनिया के सामने लाने के लिए वह उम्दा लेखको की खोज में है। तथा उन को प्रोत्साहित करने में अपना योगदान देते हैं। वह एक स्वतंत्र कलाकार हैं। वह एक थिएटर कलाकार हैं उन्होंने थिएटर में कई अभिनय किए हैं तथा अपनी प्रतिभा से लोगों के दिलों में अपनी पहचान बनाई है वह विभिन्न समूहों के साथ काम भी कर चुके हैं। उनकी पहली पुस्तक इश्क़बाज और दूसरी पुस्तक फ़लसफ़ा तेरा मेरा की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया रही तथा उनके कार्य को बहुत सराहा भी गया। उम्मीदों के धागे उनकी तीसरी पुस्तक है इसे भी अपने प्यार से नवाजियेगा।

About The Book

कभी-कभी हमारे दिल में एक तूफान पनप रहा होता है, जिसे हम चाहकर भी बयां नहीं कर पाते। इस किताब में ऐसे ही कुछ एहसासों के तूफानों की बंदिश है। यह किताब जीवन और प्रेम के अनुभवों का एक अनूठा संगम है। मुझे उम्मीद है कि आप हर रचना को अपने दिल के बहुत करीब पाएंगे और इन रचनाओं में आपको अपने जीवन की प्रतिछाया का अनुभव होगा।

About The Author

अंकिता में हमेशा से कुछ नया करने का जुनून रहा है। रंगमंच की बेहतरीन अदाकारा,  समाज सेविका,  और कई भाषाओं मे उत्तीर्ण,  अंकिता एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं।  उन्हें लिखने का हमेशा से ही शौक रहा,  लेकिन ये शौक उस दिन जुनून में बदल गया जिस दिन एक प्रेरणा स्त्रोत किरण ने उनके जीवन को प्रज्वलित किया। उस दिन उनका खोए हुए शब्दों से रिश्ता और अटूट हो गया,  और उसका नतीजा हैये मधुर,  रोमांचक, प्रेम, मधु और भावनाओं से भरी उनकी सर्वश्रेष्ठ कविताओं का संग्रह। जिसे बहुत ही प्रेम सहित उन्होंने नाम दिया “अंश” उनका ये अटूट विश्वास है कि ये अंत नहीं है,  ना ही ये किसी अंत की शुरुआत है,  अपितु ये एक शुरुआत है, एक खुशनुमा सफर की।

Email: ankitadeswal.ad@gmail.com

About The Book

A collection by Rahul Sharma.“Ishqbaaz” As the title itself says.

Fade into a world of heart-felt symphony. Experience the eternal passion of men , the magic of love and the pain of separation. Be flew away into a world where reality blend with your thoughts where the art of love is threaded into the language of your heart  and emotions get elevated to a level of divine and pure love.” Shayri collection of 40 Amazing pieces.

About The Author

The author, Rahul Sharma, is the owner of the platform, ThSocial Tape that   provides a platform to various writers like him. He graduated from   Zakir Hussain College Evening, DelhUniversity. Presently, he is pursuing his  masters degree froIGNOU in Hindi after completing the Certificate in Community Radio.He started internship & working for Radio Noida 107.4. Along with his experience with Radio, he is a freelance theatrical artist and has worked with different groups. This book is the first collection of his quotes.

More Books

Fill-up details below and take step forward to Publish Your Book.

books, library, room-2596809.jpg
Shopping Cart
Open chat
1
Hello
How can we help you?