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71 साल का सफ़र

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71 साल का सफ़र

71 साल का सफ़र किताब लिखने का मेरा तात्पर्य यही है कि कैसे एक चाय बेचने वाला इंसान, कम पढ़ा लिखा इंसान अपनी क़ाबिलियत और प्रतिभा से प्रधानमंत्री बनने का सफ़र तय करता है। इसलिए यह कहा जाता है कि कभी किसी को कम नहीं आंकना चाहिए। बल्कि उसकी प्रतिभा को पहचानना चाहिए। इस किताब में मैंने कविता के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जीवन की कहानी को दर्शाया है। नरेंद्र मोदी जी के जीवन से हम सीख ले सकते हैं, प्रेरणा ले सकते हैं कैसे ईमानदारी से निडरता से आगे बढ़ना चाहिए कभी रुकना नहीं बल्कि आगे बढ़ते ही रहना चाहिए।

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71 साल का सफ़र

71 साल का सफ़र किताब लिखने का मेरा तात्पर्य यही है कि कैसे एक चाय बेचने वाला इंसान, कम पढ़ा लिखा इंसान अपनी क़ाबिलियत और प्रतिभा से प्रधानमंत्री बनने का सफ़र तय करता है। इसलिए यह कहा जाता है कि कभी किसी को कम नहीं आंकना चाहिए। बल्कि उसकी प्रतिभा को पहचानना चाहिए। इस किताब में मैंने कविता के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जीवन की कहानी को दर्शाया है। नरेंद्र मोदी जी के जीवन से हम सीख ले सकते हैं, प्रेरणा ले सकते हैं कैसे ईमानदारी से निडरता से आगे बढ़ना चाहिए कभी रुकना नहीं बल्कि आगे बढ़ते ही रहना चाहिए।

 

लेखिका के बारे में

मेरा नाम योगेश व निकनेम चीनू है। मैं उत्तर प्रदेश के जिले गौतम बुध   नगर से हूँ। मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूँ। आज के दौर में लोग आपको क़ाबिलियत से नहीं बल्कि आपकी पढ़ाई से आंकते हैं जबकि मैं ऐसा नहीं मानती। क्योंकि मैंने अच्छे खासे पढे लिखे बेवकूफ भी बहुत देखे हैं इस दुनिया में और अनपढ़ या कम पढे लिखें लोग ऊंचाइयों को छूते भी बहुत देखे हैं। इसलिए लोगों को उसकी क़ाबिलियत से जानना चाहिए न कि पढ़ाई से। मेरी कोशिश यहीं रहती है कि सत्य लिखूं जो मैं देखती हूँ, महसूस करती हूँ वहीं लिखती हूँ। मेरी पहली पुस्तक का नाम “सच्ची बातें चीनू” है। 15 जून 2021 को वो लांच हुई। जिसमें मैंने सफलता, असफलता, सत्य, विश्वास, महिला, पुरूष, सादगी जैसे ज़िंदगी के अपने अनुभवो को quotes & poetry में लिखा है मैंने अभी तक 600+  Anthology books में कार्य किया है co – author के रूप में। मैंने 1300 से ज्यादा कोट्स लिखे हैं। ज्यादा पढ़ी लिखी तो नहीं हूँ इसीलिए मुझें ज्यादा गहराई से तो नहीं लिखना आता मगर जो भी लिखती हूँ दिल से और साधा शब्दों में लिखती हूँ। जो लोगों के दिलोदिमाग तक पहुँचे। उन्हें पसंद आये, लेखक का काम ही यही है कि वो लोगों के मन की बात अपनी कलम से कागज पर उतारे। कुछ लोग जो अपनी बात नहीं कह पाते किसी से लेखक उसी बात को लिखकर लोगों के सामने रखता है। लेखक वही है जो लोगों के मन को पढ़ पाये और लोगों के मन को भाये। मुझे मेरी लेखन की कला के चलते 15 से अधिक अवार्ड से समानित किया गया है। मेरी इस पुस्तक को अपने प्रेम से नवाज़ियेगा।

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