About Book
“प्रधा” वह पवित्र धारा है, जो मन की गहराई से निकलकर जीवन की राहों को रौशन करती है। यह कविता संग्रह उन शब्दों की सौगात है, जो दिल की अनकही बातें, अनुभवों की गूढ़ता और जीवन के जटिल सच को संवेदनशीलता से बयान करते हैं।
प्रधा, एक यात्रा है, जहाँ हर कविता एक नई दिशा में सोचने की प्रेरणा देती है। यह संग्रह जीवन के विविध रंगों को छूता है—खुशियाँ, दुःख, प्रेम, संघर्ष और आत्म-संघर्ष—सब कुछ एक साथ मिलकर एक अनकहे अनुभव की सृष्टि करता है।
यह किताब उन सभी पाठकों के लिए है, जो अपनी आंतरिक भावनाओं को शब्दों में ढालना चाहते हैं, और उन जज़्बातों को समझना चाहते हैं जो हमारी ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हमारे साथ होते हैं। “प्रधा” न केवल कविता की एक संकलन है, बल्कि यह एक आत्ममंथन की प्रक्रिया है, जो पाठक को अपनी वास्तविकता से जोड़ती है और जीवन की गहराईयों में उतरने का आमंत्रण देती है।
इस संग्रह के हर शब्द, हर कविता में छुपी है एक विशेष ऊर्जा, जो आपको महसूस कराती है—हम सब एक ही संवेदनाओं और अनुभवों की एक बेजोड़ दुनिया में समाहित हैं।
About Author
अनुराधा प्रभात कुमार एक उत्साही पाठक और उभरती हुई लेखिका हैं, जिन्हें नई जगहों की खोज करने और उनमें छिपे इतिहास को जानने का विशेष शौक है। अपने सफर के दौरान उन्हें नए और विविधतापूर्ण लोगों से मिलना, ज्ञान साझा करना और जीवनभर के लिए यादें संजोना बहुत पसंद है। उनकी जिज्ञासा और सीखने की इच्छा उनके लेखन और व्यक्तिगत जीवन दोनों को आकार देती है।
अपने अनुभवों से अनुराधा ने जीवन, रिश्तों (परिवार, दोस्ती और प्यार), सपनों, इच्छाओं, ख़ुशी और जीवन के उतार-चढ़ाव पर एक अनूठा दृष्टिकोण विकसित किया है। जब वह अपने व्यक्तित्व का निर्माण कर रही थीं और अपनी पहचान बना रही थीं, तब उन्होंने जीवन की चुनौतियों का सामना करने और हर संघर्ष से उबरने की ताकत हासिल की। उनका मानना है कि उनका अब तक का सफर बेहद खूबसूरत रहा है और अभी भी उनकी जीवन यात्रा में बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।
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