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एहसास हर औरत की कहानी

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

एहसास हर औरत की कहानी

 

“एहसासों से भरी एक पोटली पुरानी है,

माना मेरे शब्दों की जुबानी है,

ये मेरी ही नहीं, हर औरत की कहानी है।”

 

एहसास हर औरत की कहानी पुस्तक हर महिला की मदद करेगी क्योंकि इसमें- प्रेरक उद्धरण, प्रेरक शब्द, कुछ करने की इच्छा, स्त्री क्या चाहती है, मातृत्व, अच्छे कर्म सामग्री आदि शामिल हैं।

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एहसास हर औरत की कहानी

 

“एहसासों से भरी एक पोटली पुरानी है,

माना मेरे शब्दों की जुबानी है,

ये मेरी ही नहीं, हर औरत की कहानी है।”

 

एहसास हर औरत की कहानी पुस्तक हर महिला की मदद करेगी क्योंकि इसमें- प्रेरक उद्धरण, प्रेरक शब्द, कुछ करने की इच्छा, स्त्री क्या चाहती है, मातृत्व, अच्छे कर्म सामग्री आदि शामिल हैं।

 

लेखिका के बारे में

दीप्ति दुआ इस पुस्तक की लेखिका अपने लेखन की वजह से हमेशा अपने आसपास के लोगों में चर्चा का विषय बनी। इसी के फलस्वरूप आज आपके सामने उनकी पहली पुस्तक “एहसास हर औरत की कहानी” प्रस्तुत है। कहने को तो वह अपने दो बच्चों के साथ ख़ुशी से विवाहित गृहिणी है लेकिन बचपन से अपने पिता श्री सतीश खेत्रपाल का अनुसरण करती रही है जो एक सफल व्यवसायी और परोपकारी व्यक्ति थे।

स्वर्गीय पिता ने अपने जीवन में सभी कर्तव्य को निष्ठा से निभाया और लोगों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वे लोगों की मदद करते जैसे बाल शिक्षा, गरीब लड़कियों की शादी, और चिकित्सा उपचार, धार्मिक स्थलों में ज़रूरत के कार्य को पूरा करने और  निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने कभी भी अपना नाम प्रचारित नहीं होने दिया और हमेशा पर्दे के पीछे से योगदान दिया। अपने पिता के आकस्मिक निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने दीप्ति दुआ को चकनाचूर कर दिया लेकिन फिर उसने अपने पिता के द्वारा किए गए कार्यों को जारी रखने के लिए अप्रैल 2017 में अपने पिता के नाम पर सतीश खेत्रपाल सेवा सदन की स्थापना की, इस तरह दीप्ति दुआ ने अपने पिता के नक्शेकदम पर एक नई यात्रा की शुरुआत की। दीप्ति दुआ की पहली पुस्तक अपने पूजन्य पिता को समर्पित है इस पुस्तक को अपने प्यार से नवाज़िएगा।

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